क्रिसमस पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति मुर्मु की देशवासियों को शुभकामनाएं
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई देते हुए प्रेम, करुणा, शांति और सेवा के मूल्यों को अपनाने का संदेश दिया।
राष्ट्रपति ने प्रभु यीशु मसीह के बलिदान और मानव कल्याण के मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया। संदेश में सामाजिक सद्भाव, समानता और सेवा भाव से समाज निर्माण पर विशेष जोर दिया गया।
नई दिल्ली/ 24 दिसंबर 2025, क्रिसमस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने देशवासियों को, विशेषकर ईसाई समुदाय के लोगों को, हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी हैं। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में क्रिसमस के आध्यात्मिक, सामाजिक और मानवीय महत्व को रेखांकित करते हुए प्रेम, करुणा और सेवा के मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि क्रिसमस खुशी और उत्साह का पर्व है, जो पूरी दुनिया में प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलाता है। यह पर्व प्रभु यीशु मसीह के उस महान बलिदान की याद दिलाता है, जो उन्होंने मानव कल्याण और समाज के उद्धार के लिए दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि यीशु मसीह का जीवन हमें त्याग, दया और निस्वार्थ सेवा की प्रेरणा देता है।
अपने संदेश में राष्ट्रपति मुर्मु ने इस बात पर जोर दिया कि क्रिसमस केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों को सुदृढ़ करने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि यह पावन अवसर हमें समाज में शांति, सद्भाव, समानता और आपसी सहयोग को और मजबूत करने की प्रेरणा देता है।
राष्ट्रपति ने देशवासियों से अपील की कि वे यीशु मसीह द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लें और ऐसा समाज बनाने की दिशा में काम करें, जहां दयालुता, सह-अस्तित्व और पारस्परिक सम्मान को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता उसकी सबसे बड़ी ताकत है और ऐसे त्योहार आपसी भाईचारे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
देशभर में क्रिसमस की तैयारियां जोरों पर हैं। गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाएं, सजावट और सामूहिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति का यह संदेश ऐसे समय में आया है, जब समाज को एकता, करुणा और सकारात्मकता की सबसे अधिक आवश्यकता है।
राष्ट्रपति के संदेश को विभिन्न वर्गों से सराहना मिल रही है। सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने इसे सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने वाला संदेश बताया है। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का यह संबोधन देशवासियों को आपसी प्रेम, शांति और सेवा की भावना के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।